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नया धमाका

1/03/2011

आजम ने फिर उगला जहर

मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी के कट्टरपंथी मुस्लिम नेता आजम खां ने फिर जहर उगला है। उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक स्थानीय मुस्लिम संगठन की "भारत में मुसलमानों की स्थिति" विषयक संगोष्ठी में उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जम्मू-कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है। उसका भूगोल ही तय नहीं है, वह भारत का हिस्सा है भी कि नहीं, यह भी तय नहीं है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने केन्द्र में दिखावे के लिए एक ही मुसलमान को मंत्री बनाया है, वह हैं गुलाम नबी आजाद। वह भी जम्मू-कश्मीर से हैं, भारत से नहीं। बताते चलें कि यह वही आजम खां हैं जिन्होंने दो दशक पूर्व भारत माता के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया था। मुस्लिम वोटों की राजनीति के कारण तब भी आजम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी और अब भी कोई कार्रवाई होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। भाजपा नेता वरुण गांधी द्वारा पीलीभीत की एक चुनावी सभा में कथित भड़काऊ बयान देने पर तत्काल मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने वाली उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने आजम खां पर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश देने की बात तो दूर, उनके बयान पर कोई प्रतिक्रिया तक व्यक्त नहीं की। कांग्रेस द्वारा रस्मी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। मुलायम सिंह यादव तो पूरी तरह चुप हैं।
आजम खां का बयान उनकी देशद्रोही मानसिकता का परिचायक तो है ही, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बयान उन्होंने समाजवादी पार्टी के महामंत्री की हैसियत से जानबूझकर दिया है। अभी दिसंबर माह में ही उनकी एक लम्बे अर्से बाद सपा में जोर-शोर से वापसी हुई है। आजम खां की देशद्रोहितापूर्ण राजनीति समाजवादी पार्टी के अनुकूल होती है। इससे उसे एकमुश्त मुसलमान वोटों की चाहत होती है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा की ओर से विमुख हुए मुस्लिम मतों की बदौलत 20 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया था। सपा इससे डर गई और उसने प्रयास करके आजम खां को पार्टी में वापस लिया जबकि तत्कालीन महामंत्री अमर सिंह से मतभेदों के चलते आजम को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि पार्टी से बाहर होने के बाद वह अपने गृह जनपद रामपुर में भी कोई कमाल नहीं दिखा पाये थे। बावजूद इसके, पिटे हुए मोहरे आजम खां को उनकी कट्टरपंथी सोच के चलते सपा में वापस लिया गया। सपा में लौटते ही उन्होंने अपना देशविरोधी रंग दिखाना शुरू कर दिया है।

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