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नया धमाका

12/07/2010

कश्‍मीर की आजादी और बंटवारे की मांग करने वाले मंत्री पर नहीं होगी कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर सरकार के एक मंत्री के बयान से सूबे की सियासत में हलचल है। उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट में स्वास्थ्य और बागवानी मंत्री शाम लाल शर्मा ने बानी (कठुआ) में हुई रैली में अपनी पार्टी कांग्रेस को सलाह दी कि जम्मू कश्मीर को आजादी दे दी जानी चाहिए।

शर्मा ने इस रैली में कहा कि जम्मू को अलग राज्य बना दिया जाए और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना कर कश्मीर को आजाद कर दिया जाना चाहिए। शर्मा ने जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज की मौजूदगी में कहा, "कश्मीर को आजादी दे दीजिए, यह फायदेमंद है। जम्मू को राज्य का दर्जा दे दीजिए और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाइए। अगर राज्य का विकास चाहिए तो यही एक हल है।"

इस पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सहित सभी विपक्षी पार्टियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष एस.एस. मन्हास ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'जो भी इस देश के बंटवारे की बात करता है उसे राष्ट्र विरोधी माना जाना चाहिए।' पार्टी ने शर्मा की मंत्रिमंडल से बर्खास्‍तगी और गिरफ्तारी की मांग की। लेकिन कांग्रेस ने किसी कार्रवाई से साफ इनकार करते हुए बयान को शर्मा का निजी विचार बता कर पल्‍ला झाड़ लिया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पार्टी का इस मामले में विचार एकदम साफ है और वह है भारतीय संविधान के तहत स्वायत्तता। उन्होंने कहा, ' वह (शर्मा) अपने राज्य में इस बारे में बातचीत कर रहे थे और निश्चित रूप से यह उनका अपना विचार है, जो कुछ शब्द मैंने सुने न तो मैं उन्हें लाक्षणिक भाषण बता सकता हूं और उसे शाब्दिक अर्थ में तो लिया ही नहीं जाना चाहिए।'

पर सोज ने कहा, 'हम सभी एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति जवाबदेह है। हम जो भी यहां कहते हैं वह कांग्रेस की विचारधारा के तौर पर समझी जाती है इसलिए हमें पार्टी की विचारधारा के हिसाब से बोलना चाहिए।'

जम्‍मू कश्‍मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन भीम सिंह ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री का बयान देशद्रोह की श्रेणी में आता है और यह भारत व जम्‍मू-कश्‍मीर के संविधान के खिलाफ है। उन्‍होंने कहा कि ऐसे बयान के बावजूद कांग्रेस ने अपने मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है जिससे साफ है कि वह कश्‍मीर को शेष जम्‍मू-कश्‍मीर से अलग करना चाहती है।

गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका अरुंधति राय ने कश्‍मीर को भारत का अभिन्‍न हिस्‍सा नहीं बताया था, तो उनके खिलाफ एक जनहित याचिका दायर हुई और अदालत ने इस बयान के लिए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

अब शर्मा के बयान से जहां कांग्रेस विरोधी पार्टियां 'गरम' हैं, वहीं लद्दाख यूनियन टेरिटरी फ्रंट के पूर्व अध्यक्ष थुप्सतन चेवांग ने कहा कि हम लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के शर्मा के बयान का स्वागत करते हैं। चेवांग के मुताबिक, हम लोग इसके लिए १९४७ से संघर्ष कर रहे हैं।  

पाकिस्‍तानी मीडिया ने भी शर्मा के बयान को प्रमुखता से कवर किया है। 'डॉन', 'पाकिस्‍तान ऑब्‍जर्वर' और 'द नेशन' जैसे अखबारों ने शर्मा के बयान को प्रमुखता से कवर किया है।

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