खुद को धर्मनिरपेक्षता का झंडाबरदार होने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी मुंबई हमले के बाद इस घटना को धार्मिक रंग देने की फिराक में था। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ए आर अंतुले ने आरोप लगाया कि मुंबई हमलों में हिंदूवादी ताकतों का हाथ है। हालांकि शुरू में विवाद बढ़ता देख कांग्रेस ने इस बयान से पल्ला झाड़ लिया लेकिन बाद में पार्टी ने हमलों में उग्र हिंदू संगठनों की साजिश की बात स्वीकार कर ली। ऐसे में अमेरिका को भी देश की सत्ताधारी पार्टी की नियत में खोट नजर आती है।
विकीलीक्स के ताजा खुलासे में अमेरिका की इस सोच का खुलासा हुआ है। मुंबई पर हुए आतंकी हमले की घटना के एक महीने बाद भारत में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड ने कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी इस राय का बखान अमेरिकी विदेश मंत्रालय को भेजे गोपनीय संदेश में किया। 23 दिसम्बर 2008 को लिखे गए इस संदेश का खुलासा विकीलीक्स ने किया है।
अमेरिकी राजदूत ने संदेश में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने अपने नेता (अंतुले) से दूरी बनानी चाही लेकिन दो दिन बाद एक बयान जारी कर इस घटना के पीछे साजिश की बात कबूल कर ली। इस दौरान अंतुले को भारत के मुस्लिम समुदाय का खूब समर्थन मिलने लगा था। ऐसे में आगामी आम चुनावों को देखते हुए कांग्रेस ने अपने रुख से पलटी मार ली और कहा कि इस घटना के पीछे साजिश हुई है।’
क्या कहा था अंतुले ने
26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों के दौरान मुंबई एटीएस के चीफ हेमंत करकरे सहित कई पुलिस अधिकारी भी शहीद हुए थे। 17 दिसम्बर 2008 को कांग्रेस नेता और तत्कालीन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ए आर अंतुले ने कहा, ‘आतंकियों के पास करकरे को मारने की कोई वजह नहीं थी। वह (करकरे) आतंकवाद का शिकार हुए या इसकी इसकी आड़ में किसी अन्य ताकतों की साजिश का शिकार हुआ, इसके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल होगा।’ अंतुले ने यह भी कहा था कि करकरे की मौत को मालेगांव में हुए धमाकों से जोड़कर देखा जाना चाहिए जिनकी जांच इस आईपीएस अधिकारी पर थी और उग्र हिंदूवादी संगठन के लोग इन धमाकों के संदिग्ध हैं।
विकीलीक्स के ताजा खुलासे में अमेरिका की इस सोच का खुलासा हुआ है। मुंबई पर हुए आतंकी हमले की घटना के एक महीने बाद भारत में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड ने कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी इस राय का बखान अमेरिकी विदेश मंत्रालय को भेजे गोपनीय संदेश में किया। 23 दिसम्बर 2008 को लिखे गए इस संदेश का खुलासा विकीलीक्स ने किया है।
अमेरिकी राजदूत ने संदेश में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने अपने नेता (अंतुले) से दूरी बनानी चाही लेकिन दो दिन बाद एक बयान जारी कर इस घटना के पीछे साजिश की बात कबूल कर ली। इस दौरान अंतुले को भारत के मुस्लिम समुदाय का खूब समर्थन मिलने लगा था। ऐसे में आगामी आम चुनावों को देखते हुए कांग्रेस ने अपने रुख से पलटी मार ली और कहा कि इस घटना के पीछे साजिश हुई है।’
क्या कहा था अंतुले ने
26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों के दौरान मुंबई एटीएस के चीफ हेमंत करकरे सहित कई पुलिस अधिकारी भी शहीद हुए थे। 17 दिसम्बर 2008 को कांग्रेस नेता और तत्कालीन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ए आर अंतुले ने कहा, ‘आतंकियों के पास करकरे को मारने की कोई वजह नहीं थी। वह (करकरे) आतंकवाद का शिकार हुए या इसकी इसकी आड़ में किसी अन्य ताकतों की साजिश का शिकार हुआ, इसके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल होगा।’ अंतुले ने यह भी कहा था कि करकरे की मौत को मालेगांव में हुए धमाकों से जोड़कर देखा जाना चाहिए जिनकी जांच इस आईपीएस अधिकारी पर थी और उग्र हिंदूवादी संगठन के लोग इन धमाकों के संदिग्ध हैं।
विकीलीक्स की वेबसाइट पर शुक्रवार को प्रकाशित अमेरिकी राजदूत के संदेश के मुताबिक, ‘गृह मंत्री पी चिदम्बरम की ओर से अंतुले का बयान खारिज किए जाने के बावजूद भारत के मुस्लिम समुदाय को लगा कि उन्हें पुलिस बेवजह निशाना बनाती है और सच उजागर करने को चुप कर दिया जाता है। इस पूरे मामले से साफ है कि कांग्रेस पार्टी जाति/धर्म की राजनीति को बढ़ावा देने की कोशिश में है क्योंकि उसे लगता है कि ऐसा करना उसके हित में है।’
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