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नया धमाका

12/01/2010

अरुंधति का बंगला खतरे में, पति की अपील खारिज

भोपाल. मध्य प्रदेश की पिपरिया एसडीएम कोर्ट ने विवादित लेखिका अरुंधति रॉय के पचमढ़ी स्थित बंगले संबंधी अपील को खारिज कर दिया। यह अपील अरुंधति के पति फिल्म निर्माता प्रदीप किशन ने नायब तहसीलदार कोर्ट के फैसले के खिलाफ की थी। इस फैसले में अरुंधति के वन भूमि पर बने मकान और उस जमीन को अवैध ठहराया गया था।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने अरुंधति और प्रदीप किशन के मकान के मामले की सुनवाई एसडीएम कोर्ट में करने के निर्देश दिए थे। रॉय दंपती नायाब तहसीलदार कोर्ट के फैसले के खिलाफ सीधे ही हाईकोर्ट चले गए थे जिसे हाईकोर्ट ने सही नहीं माना था। मंगलवार को एसडीएम कोर्ट ने साफ कर दिया कि उक्त मामले में जमीन अगर पिता से पुत्र के पास जाती है तो उसे नामांतरित किया जा सकता है। लेकिन किसी बाहरी या दूसरे व्यक्ति को संरक्षित क्षेत्र में आने वाली जमीन नामांतरित नहीं की जा सकती।

क्या है मामला?

रॉय दंपति ने पचमढ़ी से सात किमी दूर बरीआम गांव (पिपरिया) में एक खूबसूरत घर बनवाया है। यह क्षेत्र पचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा है और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसे पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत इको-संवेदी क्षेत्र घोषित कर रखा है। प्रदीप किशन ने यहां 1992 में जमीन खरीदी थी और 1993 में यह घर बनकर तैयार हो गया था। इस मामले में पचमढ़ी स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (साडा) का कहना है कि प्रदीप किशन ने इस जमीन का लैंड यूज (भू-उपयोग) गलत तरीके से बदलवाया था। इस बीच वन विभाग ने भी घर को अभयारण्य क्षेत्र में होने के कारण अवैध करार दे दिया था।

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