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नया धमाका

12/01/2010

विकी खुलासा: भारत-पाकिस्‍तान में हो सकती है ‘जंग’

युद्ध में भारत पर भारी पड़ेगा पाकिस्तान!

नई दिल्‍ली. अमेरिका के ढाई लाख से भी ज्‍यादा गोपनीय संदेश लीक करने वाली वेबसाइट विकीलीक्‍स ने भारत से जुड़ा सनसनीखेज खुलासा किया है। इसके मुताबिक अमेरिका को शक है कि भारत-पाकिस्‍तान के बीच जंग के आसार हैं। यही नहीं, अमेरिका का यह भी अनुमान है कि यदि लड़ाई हुई तो भारतीय सेना मुकाबले में टिक नहीं सकेगी।

भारत में अमेरिकी राजदूत टिमोथी जे रोमर ने इस संबंध में एक गोपनीय संदेश अमेरिकी विदेश मंत्रालय को भेजा था। 16 फरवरी, 2010 को भेजा गया यह संदेश विकीलीक्‍स ने सार्वजनिक कर दिया है और ब्रिटिश अखबार ‘गार्जियन’ में प्रकाशित हुआ है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि को इस बात की भी आशंका है कि यदि भारतीय फौज पाकिस्‍तान पर हमला करती है तो उसे मुंह की खानी पड़ सकती है। अमेरिका ने इस युद्ध के लिए कोर्ड वर्ड का भी इस्‍तेमाल किया है जिसे ‘कोल्‍ड स्‍टार्ट’ कहा गया है।

विकीलीक्‍स ने तीन दिन पहले दुनिया भर के 250 से भी ज्‍यादा अमेरिकी दूतावासों से जारी गोपनीय संदेश सार्वजनिक किया था। यह इतिहास में खुफिया जानकारी का सबसे बड़ा खुलासा है।

दिल्‍ली से भेजे संदेश में अमेरिकी राजदूत रोमर ने पाकिस्‍तान के खिलाफ भारत की 'जंगी तैयारियों' को ‘कोल्‍ड स्‍टार्ट’  कहा है। उनके मुताबिक यह अभियान कल्‍पना और हकीकत का मिला-जुला रूप है। वह कहते हैं कि चूंकि इसे कभी आजमाया नहीं गया है और न ही भारत के पास पर्याप्‍त संसाधन है, इसलिए भारत इसमें सफल नहीं हो पाएगा। रोमर ने बताया है कि भारत ने 2004 में ‘ऑपरेशनल अटैक’ की योजना बना ली थी। इसके मुताबिक संकट की घड़ी में 72 घंटे के भीतर इस योजना को अमली जामा पहना दिया जाएगा।

रोमर के मुताबिक ‘कोल्‍ड स्‍टार्ट’ पाकिस्‍तान पर पूरी तरह हमला या कब्‍जा करने की योजना नहीं है। यह भारत में पाकिस्‍तानी आतंकवादियों के हमले के जवाब में तुरंत की जाने वाली कार्रवाई है जिसके तहत पाकिस्‍तान की सीमा रेखा में घुसकर हमला किया जा सकता है।  हालांकि भारत इस दौरान यह ध्‍यान रखेगा कि पाकिस्‍तान के वजूद और इसके परमाणु हथियारों पर कोई खतरा नहीं हो।

एनडीए के शासनकाल में बनी थी योजना
संदेश में कहा गया है कि कोर्ल्‍ड स्‍टार्ट की घोषणा 2004 में भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने की थी लेकिन कांग्रेस नीत गठबंधन ने इसे सार्वजनिक नहीं किया। भारत सरकार को आशंका है कि यदि वह कोर्ल्‍ड स्‍टार्ट को लागू करेगी तो पाकिस्‍तान परमाणु ह‍मला कर सकता है। यह भी कहा गया है कि यदि भारत अपनी मौजूदा सैन्‍य क्षमताओं के बूते पाकिस्‍तान पर हमला करता है तो इसका मिले-जुले परिणाम हो सकते हैं।

अमेरिकी राजदूत ने कहा था कि 2008 में मुंबई हमले के बाद भारत ‘कोल्‍ड स्‍टार्ट’ को लागू नहीं कर पाया जबकि इन हमलों में पाकिस्‍तान स्थित आतंकवादी गुटों का हाथ होने की बात सामने आई। उन्‍होंने मुंबई हमलों के बाद पाकिस्‍तान के खिलाफ इस योजना को लागू नहीं किए जाने के बारे में कहा कि भारत सरकार नहीं चाहती है कि ‘कोल्‍ड स्‍टार्ट’ को लागू किया जाए और परमाणु युद्ध की नौबत आए। हालांकि अमेरिका मानता है कि भारत चाहकर भी इस योजना को लागू नहीं कर पाएगा क्‍योंकि इसके पास पर्याप्‍त संसाधन नहीं हैं और इस योजना को लागू करने की राह में राजनीतिक समेत कई अड़चनें सामने आ सकती हैं।

संसद हमले के बाद कोर्ल्‍ड स्‍टार्ट पर हुआ था विचार
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के गोपनीय दस्‍तावेज के मुताबिक 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद कोर्ल्‍ड स्‍टार्ट की योजना पर विचार किया गया और अगले साल से इस पर काम शुरू हो गया। इसके मुताबिक भारतीय सेना हमले का आदेश मिलने के 72 घंटे के भीतर ही पूरी तरह तैयार होकर पंजाब और राजस्‍थान में अपने सैन्‍य ठिकानों पर मोर्चा संभाल लेगी।

रोमर के मुताबिक कोल्‍ड स्‍टार्ट की स्थिति में भारतीय वायु सेना की भूमिका अहम हो सकती है लेकिन इस ‘जंग’ में नौसेना या समुद्र से हमला करने की संभावना का जिक्र नहीं है। यह भी साफ नहीं है कि इस 'जंग' में ऑपरेशन लेवल पर किसे शामिल किया जा सकता है।

रोमर ने अपने इस संदेश के आखिर में कहा था, ‘भारत सरकार के कई बड़े अधिकारियों ने कोल्‍ड स्‍टार्ट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्‍होंने कभी इस सिद्धांत को बढ़ावा दिया है और न ही इसकी वकालत करेंगे। इन अधिकारियों में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके एम के नारायणन भी थे। हालांकि भारतीय सेना इस योजना के समर्थन के भले ही है लेकिन इसे राजनीतिक समर्थन नहीं है।’

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