अगर एक तरफ असम में बांग्लादेशी घुसपैठ से असम के इस्लामीकरण की आवाज उठाई
जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश में हिन्दू आबादी तेजी से कम हो
रही है. बांग्लादेश में 2001 से 2011 के बीच तेज गिरावट दर्ज की गई है.
2001 में बांग्लादेश की जनगणना के अनुसार वहां 1.68 करोड़ हिन्दू थे जो
2011 में घटकर 1.23 करोड़ रह गये हैं. बांग्लादेश में अब कम से कम 15 जिले
ऐसे हैं जहां हिन्दू आबादी नदारद हो गई है.
2011 की गई जगनणना की जो रिपोर्ट सामने आई है उसके मुताबिक 2001 की
जगनणना में बांग्लादेश में कुल आबादी के 9.2 प्रतिशत हिन्दू थे लेकिन 2011
में उनकी संख्या बढ़ने की बजाय घटकर बांग्लादेश की कुल आबादी के 8.5
प्रतिशत रह गई है. 2001 में बांग्लादेश की हिन्दू आबादी 1.68 करोड़ थी.
हिन्दू जन्मदर के आधार पर जो आंकलन किया गया था उसके मुताबिक 2011 में
बांग्लादेश में हिन्दू आबादी 1.82 करोड़ होनी चाहिए थी लेकिन जो नतीजे
निकले हैं वे चौंकानेवाले हैं. बांग्लादेश में हिन्दू आबादी बढ़ने की बजाय
तेजी से घटी है और अब बांग्लादेश में हिन्दू आबादी घटकर 1.23 करोड़ रह गई
है. यानी एक दशक के भीतर करीब साठ लाख हिन्दू कम हो गये. हालांकि इसी अवधि
के दौरान ईसाई, बौद्ध और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के वृद्धिदर में कोई
कमी नहीं दर्ज की गई है. बांग्लादेश में 90.4 प्रतिशत मुस्लिम हैं बाकी नौ
प्रतिशत में अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक हैं.बांग्लादेश में हिन्दूओं की इस घटती संख्या के पीछे बांग्लादेश में चरमपंथी मुस्लिम संगठन हैं जो इस्लाम के नाम पर मुस्लिमों के बीच काम करते हैं और बड़े पैमाने पर हिन्दुओं के खिलाफ अभियानों को मदद करते हैं. बांग्लादेश में इससे संबंधित जो रपटें प्रकाशित हुई हैं वे बताती हैं कि बांग्लादेश में हिन्दुओं का जबर्दस्त उत्पीड़न हो रहा है. केवल हिंसक वारदातों के जरिए ही उनकी जर जमीन उनसे हासिल नहीं की जा रही है बल्कि इस्लामिक देशों से आर्थिक मदद हासिल करके काम करनेवाले गैर सरकारी मुस्लिम संगठन बड़े पैमाने पर धर्मांतरण को भी अंजाम दे रहे हैं. एक अनुमान है कि बांग्लादेश में ऐसे करीब तीन सौ गैर सरकारी संगठन सक्रिय हैं जो हिन्दुओं को धर्मांतरित कर रहे हैं जिसके कारण हिन्दू आबादी में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है.
लेकिन बांग्लादेश में हिन्दुओं का ध्रर्मांतरण ही उनके लिए एकमात्र समस्या नहीं है. बांग्लादेश के नेशनल हिन्दू ग्रैण्ड एलायंस के महासचिव गोविन्द चन्द्र प्रमाणिक के हवाले से बांग्लादेश के अखबार वीकली ब्लिट्ज कहता है कि बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिन्दू लड़कियों का अपहरण करके उनका जबरन मुस्लिमों के साथ विवाह कर दिया जाता है. विरोध करने पर उनके साथ गैंगरेप तक की घटनाएं अंजाम दी जाती हैं. एनेमी प्रापर्टी एक्ट के प्रावधानों के तहत वहां हिन्दुओं की जर जमीन बड़े पैमाने पर मुस्लिम आबादी ने कब्जा कर लिया है जिसके कारण हिन्दू पलायन पर मजबूर हो रहे हैं. इसके अलावा मुस्लिम बहुल इलाकों में हिन्दुओं का उत्पीड़न के कारण भी वहां हिन्दू आबादी में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है.
उम्मीद की जा रही थी कि शेख हसीना की सरकार आने के बाद बांग्लादेश के हालात में कुछ बदलाव नजर आयेंगे लेकिन हालात में कोई बदलाव नहीं आये हैं. प्रमाणिक एक उदाहरण से बताते हैं कि शेख हसीना की सरकार में भी हिन्दुओं के उत्पीड़न में कोई कमी नहीं आई है. उनका कहना है कि बांग्लादेश के गोपालगंज जिले में 2001 की जनगणना के अनुसार हिन्दू आबादी 3 लाख 71 हजार थी. बांग्लादेश में गोपालगंज हिन्दू बहुल जिला था और ऐसा समझा जाता था कि हिन्दू वोटबैंक की लालच में यहां हिन्दुओं को कोई नुकसान नहीं होगा. लेकिन 2011 की जनगणना रिपोर्ट बताती है कि गोपालगंज में हिन्दुओं की संख्या घटकर पचास हजार से भी नीचे चली गई है. प्रणाणिक कहते हैं कि इस उदाहरण से स्पष्ट हो जाता है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं के लिए अब कोई स्वर्ग नहीं बचा है. बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग को हिन्दू अपनी पार्टी समझते थे और उन्हें उम्मीद थी कि लीग की सरकार आयेगी तो हिन्दुओं की रक्षा हो सकेगी लेकिन लीग की सरकार आने के बाद भी हिन्दुओं के उत्पीड़न में कोई कमी नहीं आई.
Link:- बांग्लादेश में हाशिये पर है हिन्दू आबादी
yadi hindu sashakt aur vidrohi nahin hua to shighra hi nasht ho jayega.
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