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नया धमाका

11/23/2010

कैसे काम करता है सूचना का अधिकार कानून?

जनसूचना अधिकारी से मिलती है जानकारी

इस काम के लिए प्रत्येक सरकारी विभाग में एक या एक से अधिक पीआईओ यानी जनसूचना अधिकारी नियुक्त हैं। ये अधिकारी आपके सूचना आवेदन को प्राप्त करने से लेकर विभाग की हर शाखा से जानकारी जुटाकर आपको उपलब्ध करवाने तक का काम करते हैं। या आवेदन जनसूचना अधिकारी या सहायक जनसूचना अधिकारी को जमा करवा सकते हैं। केन्द्र सरकार के कार्यालयों के लिए देश भर के 629 पोस्टआफिस अधिकारियों को आवेदन प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया गया है। इनकी  सूची www.indiapost.gov.in पर उपलब्ध है। इन पोस्टआफिसों में अधिकृत अधिकारी आपका आवेदन लेकर संबंधित कार्यालय को भेजेगा।
शुल्क जमा होने की विधि -

केन्द्र सरकार के अधीन कार्यालयों से संबंधित सूचना पाने के लिए आवेदन शुल्क दस रूपए है और सूचना प्राप्ति पर आपको प्रति पृष्ठ दो रूपए भुगतान करने होंगे। इन कार्यालयों में दस्तावेजों का अवलोकन प्रथम घंटे में मुफ्त है। उसके बाद प्रति घंटे पांच रूपए भुगतान तय किया गया है। भुगतान का तरीका नकद, पोस्टल आर्डर या चेक हो सकता है। हालांकि अलग-अलग राज्यों में ये शुल्क और इसकी शर्त अलग-अलग हो सकती हैं। जैसे कुछ राज्यों में तय शुल्क के अदालती स्टांप पर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन का प्रारूप-केन्द्र सरकार के कार्यालयों में इसके लिए कोई आवेदन प्रारूप नहीं रखा गया है। यहां से सूचना प्राप्त करने के लिए आप सफेद कागज पर प्रार्थना पत्र के रूप में आवेदन कर सकते हैं। कुछ राज्यों में आवेदन के लिए प्रारूप पत्र भी तैयार किए गए हैं। इसकी जानकारी उस राज्य के सूचना आयोग की वेबसाइट पर आसानी से मिल सकती है।
सूचना प्राप्ति की समय सीमा-
यदि आपने सूचना अधिकारी को आवेदन जमा कराया है तो अधिकतम तीस दिनों में आपको सूचना मिल जानी चाहिए। लेकिन यदि आपने सहायक सूचना अधिकारी को आवेदन जमा करवाया है तो सूचना मिलने की अधिकतम अवधि पैंतीस दिन होगी। पोस्टआफिस के अधिकारियों के जरिए आने वाले आवेदनों के लिए भी पैंतीस दिन की ही अवधि अधिकतम होगी। यदि सूचना किसी व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता से जुड़ी है तो 48 घंटे में उसे उपलब्ध करवाना आवश्यक होगा।
क्या सूचना अधिकारी आवेदन लेने से इनकार कर सकता है? जनसूचना अधिकारी किसी भी परिस्थिति में सूचना आवेदन को स्वीकार करने से इनकार नहीं कर सकता। यहां तक कि यदि मांगी गई सूचना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है तो भी उसे आवेदन स्वीकार कर पांच दिनों के भीतर संबंधित विभाग के सूचना अधिकारी तक भिजवाना होगा।
क्या सूचना देने में कोताही बरतने पर दण्ड का प्रावधान है?किसी भी सूचना अधिकारी या संबंधित अधिकारी द्वारा सूचना आवेदन लेने से इनकार करने और तय समयसीमा में सूचना उपलब्ध न करवाने की दशा में अधिकतम 25,000 रूपए के आर्थिक दण्ड का प्रावधान है। अधिकारियों द्वारा बरती गई इस लापरवाही की शिकायत राज्य अथवा केन्द्रीय सूचना आयोग में की जा सकती है।
प्रथम अपील पर कार्रवाई न होने पर क्या करें?इसके बाद आपके पास दूसरी अपील का ही अंतिम विकल्प है। ये अपील आप पहली अपील दायर करने के 90 दिनों के भीतर कर सकते हैं। ये अपील आपको राज्य अथवा केन्द्रीय सूचना आयोग में करनी होगी। इस अपील से पहले अपील दायर करने के सभी नियम पढ़ लें और जरूरी दस्तावेज साथ लगाएं। आपकी शिकायत सही पाए जाने पर दोषी अधिकारी को अधिनियम में वर्णित प्रावधान के मुताबिक दण्ड दिया जा सकता है।

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